साँसे और आध्यात्मिकता(呼吸和灵性的管理)ार्ट - 1
दैवीय शक्तियों से संपर्क बढाने के लिए हमारे पास कई तरह के साधन उपलब्ध है , जिनमे से महत्त्वपूर्ण साधन है -- हमारी साँसों की शक्ति ,क्योकि साँसों के द्वारा भी ब्रह्मांडीय ऊर्जा शरीर मे प्रवेश करती है | मस्तिष्क जितनी ज्यादा ब्रह्मांडीय ऊर्जा को ग्रहण करता है ...उतना ही दैवीय शक्तियों से संपर्क करने की उसकी क्षमता बढ़ती चली जाती है |
什么时候
साँसे गहरी होती है तब शरीर ज्यादा ऊर्जा को ग्रहण करता है इसी तरह 什么时候ाँसे छोटी होती
है तो दैवीय शक्ति शरीर में कम प्रवेश करती है |
सामान्य रूप से
देखे तो 一个shिशु की साँसे की सबसे ज्यादा गहरी होती है जबकि एक
वृद्ध व्यक्ति की लगभग उथली/छोटी साँसे होती है |
योगाभ्यास में सांसों पर सबसे ज्यादा
ध्यान दिया गया है | 她ी वजह यही है... बाहर जाती सांसें अपने साथ कार्बन डाइऑक्साइड के
साथ नकारात्मक ऊर्जा को भी बाहर करती है शरीर से |
密集的्यान की अवस्था में , नींद
में अथवा हिप्नोटिज्म की अवस्था में सांसें अकसर गहरी हो जाती हैं | gी
सांसों में आपका संपर्क आपके अवचेतन मन से बढ़ जाता है | साँसे
जो 我们ारे लिए साधारण अति सूक्ष्म घटना है इसके विभिन्न प्रयोग योगशास्त्र
में दिए गए हैं |जिससे आप अपना ऊर्जा मंडल साफ़ रख सके |
आयु और साँसों का रिश्ता (relationship
年龄和呼吸之间)
我们ारे जीवन की अवधि उतनी ही होती है, जितनी संख्या सांसों की निश्चित होती है -- न एक
सांस 少我们 जीवन
जीते हैं..... न ही एक सांस ज्यादा हम जीवन जी पाते है | 来吧े 一
सरल उदाहरण द्वारा 计算े हैं-- मान ले... 我们ेवल 100 सांसो
के लिए शरीर धारण करते हैं यानी 100 साँसे ख़त्म होते ही हमने जो शरीर
धारण किया है उसे हम छोड़ देंगे अथवा शरीर की मृत्यु हो जाएगी अब यह हम 上िपेंड करता है .. ये 100 साँसे हम 10 घंटे में
खत्म करते हैं या एक घंटे में |
साँसों की सूक्ष्म रहस्यमय और शक्तिशाली प्रक्रिया-
我们ारे लिए साँसों का
मतलब वह साधारण प्रक्रिया है जिसमें 2 स्टेप होते हैं -最初的ा- जिसमे 我们
सांस को अंदर खींचते हैं इसे 吸入 说े हैं या योग की भाषा
में पूरक 说े
हैं |
दूसरा - जिसमे 我们
साँसे छोड़ते हैं जिसे exhalation 说े हैं या योग की भाषा में रेचक 说े
हैं |
लेकिन वास्तव में इसमें एक स्टेप 和
होता हैं यह पूरक
औए रेचक के बीच आने
वाला एक 暂停 जिसे कुंभक 说े हैं | कुंभक वह स्थिति जहां पर न साँसे ली जाती हैं ना ही छोड़ी जाती हैं बल्कि
रूक जाया जाता है |这是ुंभक भी दो प्रकार का होता है - बाह्य कुंभक और अंतः कुंभक |
- बाह्य कुंभक
इसमें जब साँसे बाहर छोड़ी जाती हैं तब कुछ सेकंड के लिए रुक जाया जाता है |
- 一种ंतः कुंभक जब साँसे अंदर ली जाती है तब सांसों
को छोड़ने से पहले कुछ सेकंड्स के लिए रूक जाया जाता है|
अंतः
कुंभक की स्थिति में ब्रह्मांडीय ऊर्जा शरीर के विभिन्न भागों में और चक्रों में
तेजी से प्रवेश करती है और पूरक के साथ वह अधिक मात्रा में शरीर में प्रवेश करती
है | वंही बाह्य कुंभक में शरीर में दुख / दर्द /
रोग के रूप में व्याप्त नेगेटिव एनर्जी अथवा नकारात्मक ऊर्जा को ब्रह्मांडीय उर्जा तेजी से शरीर से बाहर निकालती है |
ब्रह्मांडीय ऊर्जा शरीर से पहले
नेगेटिव एनर्जी को बाहर निकलती है और उसे उस नकारात्मकता से शरीर की हानि हुई है
उसे रिपेयर करती है |
相同的ामान्य व्यक्ति में ज्यादातर रेचक और पूरक अधिक होते हैं , 下ि कुंभक लगभग ना के बराबर
होता है | वास्तव में
कुंभक साँसों की अवधि को बढ़ा देता है , जिसके साथ ही साँसे गहरी हो जाती है | 我们ारे लिए गहरी साँसे ही अच्छी होती है
... क्युकी तब ब्रह्मांडीय ऊर्जा को शरीर के ऊर्जा मंडल को साफ़ करने तथा नेगेटिव
एनर्जी से हुई हानि को रिपेयर करने का काफी समय मिल जाता है |
以上ोक्त उदाहरण से अब आप 理解ी गए होंगे कि आयु की अवधि
हमारे सांसों की संख्या और सांसों को लेने के तरीके या रिदम 上िपेंड करती है न की दिन , घंटे ,या सालों से |
छोटी साँसे या उथली साँसे बीमारियों के आने के symptoms है क्योकि इसमें ब्रह्मांडीय ऊर्जा शरीर में कम या नहीं के
बराबर प्रवेश कर पाती है | यंहा पर एक
विरोध यह उठ सकता है कि जब हम योग करते है , exercise 正在做े है या jogging 正在做े है उस समय भी हमारी साँसों की गति छोटी हो
जाती है | वास्तव में
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जो भी एक्टिविटी करी जाती है | सभी का प्राथमिक उद्देश्य साँसों
को गहरी करना ही होता है | 耐力
बढ़ाना यानी अधिक परिश्रम करने पर भी ना थकने की
क्षमता को बढ़ाना ही है |
慢跑的karan.े वाला या एक्सरसाइज करने वाला
व्यक्ति भले ही jogging करते हुए या अपनी सांसों की गति को बढ़ाने (या सांसों की
चक्र को छोटा करने) पर jogging के बाद बचे हुए सारे समय में उसकी साँसे गहरी और भी
गहरी होती जाती हैं जितनी गहरी सांसे होंगी वह स्वयं को उतना ही ऊर्जावान/ 伊्जेटिक , शांत ,खुश महसूस करेगा |
इसे आप अभी स्वयं भी
फील कर सकते हैं पांच बार छोटी छोटी सांसे ले या जल्दी-जल्दी साँसे ले | 这是ात पर ध्यान दें कि क्या आप स्वयं को तनाव
मुक्त , 伊्जेटिक फील कर रहे हैं?? नहीं आप थकान तनाव और उलझन महसूस करेंगे| 现在ांसों को थोड़ा धीमा कर दे.... आराम से सांस
ले... गहरी सांस में अब आप तनावमुक्त महसूस करने या थकान??? 轮到你了 ऊर्जावान
शांति महसूस करेंगे | 这्रयोग इस बात को सिद्ध करता है कि साँसे जितनी
छोटी होंगी उतनी ही दिक्कतें आएंगी , 不便ी ही शरीर के
अंदर कम ब्रम्हांडीय शक्ति का प्रवेश होगा ...और सांसे जितनी गहरी होगी उतना ही
शरीर के अंदर ज्यादा ब्रम्हांडीय शक्तियों का प्रवेश होगा |
你的े क्या विचार है क्या साँसे लेना और छोड़ना बस एक सामान्य सी घटना है ???क्या आप इसका उत्तर देना पसंद करेंगे | भाग दो में साँसों से जुड़े कुछ प्रयोगों के बारे में बातें करेंगे | अपनी राय और जानकारियाँ हमसे ज़रूर शेयर करे |
रश्मि जी बढ़िया जानकारी दिया आपने थैंक्स
回复删除你े वेबसाइट का थीम change करिए जिससे लोग आसानी से सर्च कर सकते है
谢谢你的感激之情
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